fantasy sports apps are taking advantage of weak gambling laws

फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप्स किस तरह से भारत में कमजोर गैम्बलिंग कानूनों का फायदा उठा रही हैं?

भारत में गैंबलिंग का कानून बहुत ही कमजोर है, जिसका फायदा उठाकर कई सारे फैंटेसी ऐप्स अपना काम कर रही हैं। इतना ही नहीं कई सारे गेमिंग ऐप भी इसका फायदा उठा रहे हैं और भारत में बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं। वे मौके के खेल (Game Of Chance) को कौशल का खेल (Game Of Skill) बताकर अपने आप को कानूनी रूप से सही साबित करते हैं। ऐसे ऐप लोगों को अलग-अलग प्रकार के गेम पर दांव लगाकर लगाने की और पैसे जीतने की सुविधा प्रदान करते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि फैंटेसी ऐप्स किस तरह से भारत में कमजोर गैंबलिंग कानूनों का फायदा उठा रही हैं?

भारत में गैंबलिंग के लिए क्या कानून हैं?

भारत में गैंबलिंग पर रोक लगाने के लिए ब्रिटिश भारत में सरकार द्वारा पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 बनाया गया था, जिसके तहत गैंबलिंग करने वाले और गैम्बलिंग हाउस चलाने वाले, घर पर गैम्बलिंग कराने वाले व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 45 के तहत मुकदमा चलाने का प्रावधान किया गया था। 

यह एक्ट भारत के सभी राज्यों को गैंबलिंग से संबंधित अलग-अलग कानून बनाने की अनुमति देता है। इसी के फलस्वरूप गोआ, दमन और दीव एवं सिक्किम में कुछ गैम्बलिंग हाउस को लीगल तरीके से काम करने की अनुमति मिली हुई है। गोआ, दमन और दीव राज्यों के लिए पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट, 1976 बनाया गया था। इसके अलावा इस एक्ट में समय समय पर संशोधन किए जाते रहे हैं।

इसके अलावा 4 मार्च 2009 को, सिक्किम सरकार ने सिक्किम ऑनलाइन गेमिंग (रेगुलेशन) एक्ट, 2008 लागू किया था, जिसके तहत गैंबलिंग हाउस को लाइसेंस लेने के लिए ऑनलाइन गेमिंग (रेगुलेशन) नियम, 2009 का पालन करना होता है। यह एक्ट मौके के खेल या कौशल के खेल जैसे पोकर, कार्ड्स, ब्लैकजैक, इत्यादि को वैध बताता है, जबकि फैंटेसी स्पोर्ट्स (जैसे Dream 11, My Team11, इत्यादि) को प्रतिबंधित करता है। ऑनलाइन गेमिंग के मामले में आईटी एक्ट, 2000 भी प्रभावी होता है।

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भारत में गैम्बलिंग से संबंधित कानूनों की स्थिति:

गैम्बलिंग कानूनों के अनुसार, भारत में घुड़दौड़ और लॉटरी को पूरी तरह से वैध माना गया है। इसीलिए गोवा, केरल, अरुणाचल प्रदेश, असम, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय, पंजाब, नागालैंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम जैसे राज्यों में लॉटरी वैध है। आपको बता दें कि सिर्फ गोवा, सिक्किम, नागालैंड और दमन में ही ऑनलाइन गैम्बलिंग और भूमि आधारित कैसीनो दोनों को वैध किया गया है।

बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ गैंबलिंग एक्ट, 1887 के तहत महाराष्ट्र में गैम्बलिंग अवैध है। तेलंगाना स्टेट गेमिंग एक्ट, 1974 के अनुसार तेलंगाना और अरुणाचल प्रदेश गैम्बलिंग (निषेध) अधिनियम, 2012 के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में कौशल के खेल (Game Of Skill) अवैध है। 

1961 का उत्तर प्रदेश एक्ट 21, धारा 3 (7-9-1961 से प्रभावी) यह कहता है कि गैम्बलिंग के दौरान या किसी गेमिंग हाउस में पाए जाने वाले व्यक्ति को तब तक दोषी माना जाएगा, जब तक कि वह इस बात को गलत साबित नहीं कर देता। 

कर्नाटक राज्य में कर्नाटक पुलिस (संशोधन) एक्ट, 2021 के अनुसार सभी ऑनलाइन गेमिंग और कौशल वाले खेलों को बैन कर दिया था, लेकिन 2022 में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस बैन को हटा दिया। इसी तरह से अलग-अलग राज्यों में खुद के गैंबलिंग कानून बने हुए हैं।

पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट, 1867 के अनुसार बेटिंग करते हुए पकड़े जाने पर खिलाड़ी या गैम्बलिंग हाउस चलाने वाले व्यक्ति पर सिर्फ ₹200 का जुर्माना और/या तीन महीने की जेल हो सकती है। कोई भी बेटर या गैम्बलिंग हाउस का मालिक बड़े आसानी से इन सजाओं को भुगत सकता है।

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फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप क्या हैं? इनके क्या नियम हैं?

फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप अपने यूजर्स को किसी भी स्पोर्ट्स मैच में खेल रहे खिलाड़ियों के अनुसार खुद की एक फैंटेसी टीम बनाने की सुविधा उपलब्ध कराती है। इस टीम के साथ यूजर को एक या एक से अधिक कैश कॉन्टेस्ट में ज्वॉइन करना होता है। इसके बाद मैच में खिलाड़ी के प्रदर्शन के आधार पर प्वॉइंट्स मिलते हैं और सबसे अधिक प्वॉइंट्स हासिल करने वाली टीम कॉन्टेस्ट में पहले स्थान पर आती है।

उदाहरण के रूप में, यदि भारत और पाकिस्तान का कोई मैच होने वाला है तो आप उसमें दोनों टीमों को मिलाकर कुल 11 खिलाड़ी चुन सकते हैं, लेकिन एक टीम से अधिकतम 7 खिलाड़ी ही चुने जा सकते हैं। इस फैंटेसी टीम में आपको असली टीम के विकेटकीपर, बल्लेबाज, ऑल राउंडर और गेंदबाजों को चुनना होता है। 

सभी पक्ष में न्यूनतम और अधिकतम चयन की सीमा भी निर्धारित की गई होती है। हर खिलाड़ी की क्वालिटी के अनुसार उसके प्वॉइंट्स निर्धारित रहते हैं, आपको 100 प्वॉइंट्स के अंदर कुल 11 खिलाड़ी चुनने होते हैं। मैच शुरू होने के बाद आप अपनी टीम में बदलाव नहीं कर सकते। इसके बाद मैच में खिलाड़ी के प्रदर्शन के आधार पर प्वॉइंट्स मिलते हैं। किसी प्रदर्शन पर कितने प्वॉइंट्स मिलेंगे, यह पहले से ही निर्धारित रहता है। 

फैंटेसी ऐप्स किन राज्यों में बैन है?

भारत के कई सारे राज्यों में फैंटेसी ऐप वैध तरीके से काम कर रहे हैं, लेकिन असम, सिक्किम, नागालैंड, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्य में फैंटेसी ऐप्स को बैन किया गया है। 2021 में कर्नाटक में भी नए कानून के तहत Dream 11 को बैन कर दिया गया था लेकिन 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए उन पर से बैन हटा दिया।

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फैंटेसी ऐप्स किस तरह से भारत में कमजोर गैम्बलिंग कानूनों का फायदा उठा रही हैं?

भारत के कई राज्यों में फैंटेसी ऐप्स लीगल तरीके से काम कर रहे हैं, जबकि कुछ राज्यों के कानून इसे अवैध करार देते हैं। हालांकि कुछ राज्यों को छोड़कर भारत में गैंबलिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। 

गैंबलिंग करने वाले या गैंबलिंग हाउस चलाने वाले व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता 1807 के धारा 45 के अनुसार मुकदमा चलाया जाता है। लेकिन देश के कई सारे राज्यों में कौशल वाले खेल को वैध करार दिया गया है, जिसमें लॉटरी और घुड़दौड़ भी शामिल है।
वर्तमान समय में कई सारे ऑनलाइन गेमिंग ऐप भी लीगल तरीके से काम कर रहे हैं, जो खुद को कौशल वाला खेलिंग ऐप बताते हैं। ऐसे गेम जिन्हें खेलने से पहले एक रणनीति तैयार करनी होती है और गेम खेलने के दौरान भी रणनीतियां बनानी होती हैं, उन्हें कौशल वाला खेल की श्रेणी में रखा जाता है। 

इस मामले में कानून दोहरा मापदंड अपनाती है, क्योंकि स्पोर्ट्स बेटिंग में बेट लगाने वाला व्यक्ति भी मैच शुरू होने से पहले और मैच के दौरान रणनीतियां बनाता है। लेकिन फिर भी भारत में बैटिंग को वैध नहीं किया गया है।

चूंकि भारत में गैम्बलिंग का कानून काफी पुराना है, इसलिए इसमें ऑनलाइन या इंटरनेट गेमिंग का कोई उल्लेख नहीं है। इसके अलावा देश का कानून कौशल वाला खेलों को वैध और संभावनाओं वाले खेलों को अवैध करार करता है। इसके साथ ही साथ घुड़दौड़ और लॉटरी को भी लगभग सभी राज्यों में लीगल किया गया है, जबकि ये कौशल वाला खेल कम और संभावनाओं वाले खेल अधिक लगते हैं। लॉटरी में किसी भी व्यक्ति की रणनीति का कोई फायदा नहीं होता है क्योंकि इसके परिणाम की सिर्फ संभावना जताई जा सकती है। हालांकि इसमें भी कई अलग-अलग प्रकार के लॉटरी होते हैं, जिनमें बेट लगाने से पहले खिलाड़ी द्वारा किया गया रिसर्च काम आता है। 

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इसके अलावा घुड़दौड़ में व्यक्ति पहले से रिसर्च करके सबसे अच्छे घोड़े पर बेट लगाता है। इसे कौशल वाला खेल माना जा सकता है, क्योंकि इसमें बेटर को खेल के साथ-साथ जॉकी और घोड़े के पिछले प्रदर्शन और वर्तमान स्थिति की जानकारी इकट्ठा करना होता है।

कौशल का खेल और संभावनाओं का खेल दोनों अलग-अलग पहलू हैं। कौशल के खेल में सिर्फ उन खेलों को शामिल करना चाहिए, जो पूरी तरह से खिलाड़ी के कौशल पर ही निर्धारित हों, जैसे: चेस। इस गेम में खिलाड़ी अंत तक अपने रणनीतिक कौशल का प्रयोग करता है। इसके अलावा अन्य सभी कार्ड, कैसीनो, फैंटेसी और स्पोर्ट्स बेटिंग सभी संभावनाओं पर आधारित हैं। इसमें सब कुछ आपके भाग्य पर ही निर्भर करता है। 

यहां तक कि पोकर को भी कौशल के खेल में शामिल करने पर कई सवाल उठ सकते हैं। हां, लेकिन रम्मी एक कौशल का खेल है। लेकिन फैंटेसी ऐप्स भारत में कमजोर कानूनों का खूब फायदा उठा रहीं हैं और देश में लीगल तरीके से काम भी कर रहीं हैं। भारत में गैम्बलिंग के कमजोर कानूनों के चलते ऑनलाइन गेमिंग और ऑनलाइन बेटिंग पर कोई रोक नहीं है। ऐसा लगता है कि भारत सरकार इस पर रोक भी नहीं लगाना चाहती है।

फैंटेसी स्पोर्ट्स कैसे नहीं हो सकता कौशल का खेल (How Fantasy Sports Can’t be Game of Skill)

भारत के कानून और जानकार फैंटेसी स्पोर्ट्स को कौशल वाला खेल हैं और स्पोर्ट्स बेटिंग को संभावनाओं का खेल मानते हैं। दोनों प्रकार के गेम में खिलाड़ी को मैच शुरू होने से पहले मैदान, खिलाड़ी का वर्तमान प्रदर्शन, पिच और मौसम से संबंधित जानकारी इकट्ठा करता है और पैसे भी खर्च करता है। Dream 11 जैसे फैंटेसी ऐप्स में हजारों रुपए खर्च करके एक कॉन्टेस्ट ज्वॉइन करने का विकल्प दिया गया रहता है। 

फैंटेसी ऐप में पैसे खर्च करके कांटेस्ट ज्वॉइन करना भी एक प्रकार का बेट ही है, क्योंकि इसमें खिलाड़ी के जीत की संभावना मैदान पर असली खिलाड़ी के प्रदर्शन पर आधारित होती है। यानी अगर मैदान पर खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन ना करे तो आपको जीत नहीं मिल सकती। इसके अलावा फैंटेसी गेम में हारने के अधिक अवसर होते हैं। यदि स्पोर्ट्स बेटिंग से इसकी तुलना की जाए तो स्पोर्ट्स बेटिंग में मैच के दौरान रणनीति बनाकर अपने पिछले हार को कवर भी किया जा सकता है।

फैंटेसी क्रिकेट को कौशल वाला खेल मानना और स्पोर्ट्स बेटिंग को संभावनाओं वाला गेम मानना मजाक सा लगता है। यदि आप दोनों प्रारूप ऊपर करीब से नजर डाले तो फेंटसी क्रिकेट किसी भी परिस्थिति में कौशल वाला खेल नहीं हो सकता है। क्योंकि यहां पर आपके द्वारा चुने गए 11 खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर आपकी हार एवं जीत निर्धारित रहती है। इसके अलावा क्रिकेट बैटिंग किसी एक टीम के प्रदर्शन पर या किसी एक बल्लेबाज या गेंदबाज के प्रदर्शन पर निर्धारित होती है।

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उदाहरण के रूप में यदि आपने किसी बल्लेबाज के रन बनाने पर बेट लगाया है तो आपका बेट उसी बल्लेबाज के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। यदि आप यह बेट हार जाते हैं तो अगले किसी बल्लेबाज पर बेट लगाकर अपने पिछले हार को कवर भी कर सकते हैं। यहां पर पैसे जीतने के कई सारे अवसर उपलब्ध होते हैं। इसके साथ ही साथ स्पोर्ट्स बेटिंग में भी बेटर को रणनीति बनाने की आवश्यकता होती है

पुराना और कमजोर गैम्बलिंग कानूनों का फायदा उठा रहीं फैंटेसी ऐप्स:

भारत में गैंबलिंग का कानून काफी पुराना एवं कमजोर है, साथ ही साथ यहां पर कौशल वाले खेलों और संभावना वाले खेलों को गलत तरीके से परिभाषित किया गया है। देश में कई सारे संभावना वाले खेलों को कौशल वाले खेल की श्रेणी में रखा गया है, जबकि ऐसे गेम जो किसी भी प्रकार की संभावना पर आश्रित हों, उन्हें कभी भी कौशल वाले खेलों की श्रेणी में नहीं रखना चाहिए। 

इसके साथ ही साथ यदि फैंटेसी स्पोर्ट्स को कौशल का खेल माना जा सकता है तो स्पोर्ट्स बेटिंग को भी कौशल का खेल मानना चाहिए, जबकि फैंटेसी स्पोर्ट्स में स्पोर्ट्स बेटिंग के मुकाबले अधिक जोखिम है। क्योंकि इसमें दोनों टीमों से चुने गए 11 खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर आश्रित रहना पड़ता है। 

भले ही स्पोर्ट्स बेटिंग के मुकाबले इसमें रिसर्च अधिक है, लेकिन आपके जीतने की संभावना कम ही रहती है। इसके अलावा एक बार मैच शुरू हो जाने के बाद आप खिलाड़ी के प्रदर्शन पर आश्रित रहते हैं। हाँ यदि बीच मैच में भी इसमें अपने कौशल का प्रदर्शन करने का मौका मिलता और तो इसे कौशल वाले खेलों की श्रेणी में रखा जा सकता था, लेकिन यहां बिल्कुल भी ऐसा नहीं है।

Dream 11 में टीम बनाकर कॉन्टेस्ट ज्वॉइन करने के बाद आपके पैसे डूबने की संभावना अधिक रहती है और उस मैच में अपनी हार को कवर करने का दूसरा तरीका भी नहीं होता।  बहुत ही कम लोग उसमें अधिक पैसा जीत पाते हैं। इसके विपरीत स्पोर्ट्स बेटिंग में आप पूरे मैच में अपनी रणनीति बना सकते हैं और अपने कौशल और ज्ञान का प्रयोग करके बेटिंग कर सकते हैं। 

दरअसल सिर्फ बिजनेस करने के लिए फैंटेसी ऐप्स कमजोर कानूनों का फायदा उठा रहीं हैं और सरकार को भी इसका फायदा मिल रहा है। इसके साथ ही साथ फैंटेसी ऐप्स में ₹1,00,000 से ऊपर जीती गई राशि का 30% टैक्स भी देना होता है। इसके साथ ही साथ इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय भी आपको टैक्स देना होता है।

Read: भारत में बेटिंग वैध (लीगल) क्यों होना चाहिए?

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