Javed Miandad

चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव, मेजबानी को लेकर विवाद गहराया

जैसे-जैसे चैंपियंस ट्रॉफी 2025 नजदीक आ रही है, भारत और पाकिस्तान के बीच इस टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान नहीं जाएगा, जिसके बाद पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

मियांदाद ने भारत के फैसले की आलोचना की

भारत के इस रुख के जवाब में मियांदाद ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) से भविष्य में सभी भारतीय मैचों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। इस दिग्गज बल्लेबाज ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए भारत के फैसले को “मजाक” करार दिया और उन पर खेल की भावना को कमजोर करने का आरोप लगाया।

मियांदाद ने PTI से बातचीत में कहा, “यह मजाक है कि ऐसा हो रहा है। भले ही हम भारत के साथ बिल्कुल भी न खेलें, पाकिस्तान क्रिकेट न केवल जीवित रहेगा, बल्कि फल-फूल भी जाएगा, जैसा कि हमने पहले भी दिखाया है। मैं देखना चाहता हूं कि जब भारत-पाकिस्तान मैच नहीं होंगे, तो ICC के इवेंट्स कैसे पैसे कमाएंगे।”

PCB ने भारत के ‘हाइब्रिड मॉडल’ को किया खारिज

बीसीसीआई (BCCI) ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए एशिया कप 2023 की तरह ही ‘हाइब्रिड मॉडल’ का प्रस्ताव दिया था, जिसमें मैचों को पाकिस्तान और एक तटस्थ स्थल पर विभाजित किया जा सकता था। हालांकि, PCB के प्रमुख मोहसिन नकवी इस बात पर अड़े हुए हैं कि पूरा टूर्नामेंट केवल पाकिस्तान में ही आयोजित होना चाहिए। दोनों बोर्ड्स के अपने-अपने रुख पर अड़े रहने से यह विवाद और गहराता जा रहा है।

भारत का पाकिस्तान दौरे से इनकार

भारत ने आखिरी बार 2008 में एशिया कप के दौरान पाकिस्तान का दौरा किया था, जहां उन्होंने फाइनल तक का सफर तय किया लेकिन श्रीलंका से हार गए। 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों में और गिरावट आई। इस घटना के बाद पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट एक दशक तक ठप पड़ा रहा।

हालांकि, पाकिस्तान में क्रिकेट की वापसी के बाद इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी शीर्ष अंतरराष्ट्रीय टीमों ने वहां दौरा किया है, लेकिन भारत ने लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक तनाव के कारण ऐसा नहीं किया है। भारतीय सरकार अपने रुख पर अडिग रही है और पाकिस्तान में भारतीय टीम के दौरे की अनुमति देने से इनकार कर चुकी है।

भारत-पाकिस्तान बहिष्कार का वित्तीय प्रभाव

मियांदाद की टिप्पणी से इस बात का संकेत मिलता है कि भारत-पाकिस्तान क्रिकेट बहिष्कार के बड़े वित्तीय प्रभाव हो सकते हैं। दोनों चिर-प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच मुकाबले क्रिकेट के सबसे अधिक देखे जाने वाले इवेंट्स में से एक हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के लिए महत्वपूर्ण राजस्व उत्पन्न करते हैं। मियांदाद का मानना है कि यदि भारत-पाकिस्तान के मुकाबले नहीं होते हैं, तो ICC के टूर्नामेंट्स का एक बड़ा दर्शक वर्ग और राजस्व स्रोत खो जाएगा।

जैसे-जैसे चैंपियंस ट्रॉफी 2025 नजदीक आ रही है, BCCI और PCB के बीच यह गतिरोध दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों के भविष्य पर सवाल खड़ा कर रहा है। ICC को इस राजनयिक चुनौती का सामना करना होगा ताकि टूर्नामेंट का सफल आयोजन सुनिश्चित हो सके।

About Isha Pannu

Isha Pannu, a seasoned content writer and dedicated cricket expert, brings over three years of invaluable experience to the realm of cricket journalism. She is a content producer for Cricketwebs News Website.

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