Match prediction, Who will win today

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता

जैसा कि हम जानते हैं कि, भारत-पाकिस्तान क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता दुनिया के सबसे गहन खेल प्रतिद्वंद्वियों में से एक है। क्रिकेट के मैदान पर दोनों पड़ोसी मुल्क़ों, भारत और पाकिस्तान की प्रतिद्वंद्विता से बढ़कर और कुछ नहीं। इस प्रतिद्वंद्विता के कई कारण हैं- ऐतिहासिक और बेहद कड़वे राजनयिक संबंध आदि, लेकिन यह भी सच्चाई है कि इन दोनों देशों के बीच क्रिकेट की जितनी साझी विरासत है, शायद ही दुनिया में किन्हीं दो देशों की रही हो।

1947 में भारत और पाकिस्तान में ब्रिटिश भारत के विभाजन के दौरान पैदा हुए कटु राजनयिक संबंधों और संघर्ष के परिणामस्वरूप दोनों राष्ट्रों के बीच तनावपूर्ण संबंध रहा । 1965 और 1971 में दो बड़े युद्धों के कारण 1962 से 1977 के बीच दोनों देशों के बीच कोई क्रिकेट नहीं खेला गया।

पाकिस्तान 1948 में इंपीरियल क्रिकेट सम्मेलन का सदस्य बन गया और जुलाई 1952 में पूर्ण सदस्य बन गया। जब भारत ने 1955 में पाकिस्तान का दौरा किया था, तो हजारों भारतीय प्रशंसकों को टेस्ट मैच देखने के लिए पाकिस्तानी शहर लाहौर जाने के लिए वीजा दिया गया था।

1952 में हुई थी ज़बरदस्त हूटिंग

1952 में पाकिस्तान की टीम ने अब्दुल हफ़ीज़ करदार के नेतृत्व में भारत दौरा किया था, भारतीय टीम के कप्तान थे लाला अमरनाथ। पहला टेस्ट मैच दिल्ली में भारतीय टीम आसानी से जीती थी लेकिन दूसरे टेस्ट मैच, जो कि लखनऊ के यूनिवर्सिटी मैदान में खेला गया था, में भारत को हार का सामना करना पड़ा था।

भारतीय टीम को इस हार के बाद वहाँ मौजूद दर्शकों की ज़बरदस्त नाराज़गी और हूटिंग का सामना करना पड़ा था। 1952 में यह पहला वाक़या था जब मैदान पर खेल रहे खिलाड़ियों को यह अहसास हुआ था कि यह भले ही खेल हो लेकिन दोनों देशों के करोड़ों खेल प्रेमियों के लिए यह खेल से कहीं बढ़कर है। पहली सिरीज़ भारत 2-1 से जीत गया था।

फिर दोनों टीमें रक्षात्मक हो गईं

पहली सिरीज़ के बाद भारत-पाक दोनों ही देशों की टीमों की रणनीति रक्षात्मक हो गई थी यानी ‘जीतो भले ही न पर हारना मत’। इसका नतीजा यह हुआ कि अगले 26 वर्ष तक दोनों टीमें केवल ड्रॉ मैच ही खेलीं। इस दौरान दोनों टीमों ने 10 टेस्ट मैच खेले और सभी अनिर्णित समाप्त हुए। कोई हार-जीत नहीं।

हालाँकि 1965 से 1978 तक तेरह वर्ष दोनों टीमों के बीच 1965 और 1971 के युद्ध की वजह से कोई टेस्ट मैच खेला ही नहीं गया। इस दौरान 1952-1977 तक 25 वर्षों में कुल 15 टेस्ट मैच खेले गए जिसमें 2 भारत जीता 1 पाकिस्तान और शेष 12 ड्रॉ रहे। यानी भारत – पाकिस्तान क्रिकेट में इस दौर में प्रतिद्वंद्विता तो थी लेकिन यह भावना तीखी नहीं थी और यह मैदान पर दोनों टीमों की बॉडी लैंग्वेज व व्यवहार से भी दिखता था। मूलत: रक्षात्मक दोनों टीमें थी । 

1971 के बाद की अवधि में, क्रिकेट के लिए राजनीति एक मुख्य कारक बन गई। भारत ने आतंकवादी हमलों या अन्य शत्रुता के बाद कई बार पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंधों को निलंबित कर दिया है।

और फिर आया आक्रामकता का दौर

1978 की टेस्ट सिरीज़ के बाद सब बदल गया। पहला कारण तो यह रहा कि अब पाकिस्तानी टीम में खिलाड़ियों की नई खेप आ चुकी थी जिसमें इमरान ख़ान, जावेद मियाँदाद, ज़हीर अब्बास, सरफ़राज नवाज़ आदि थे। जो पहले के दशकों के पाक खिलाड़ियों के मुक़ाबले बेहद आक्रामक क्रिकेट खेलने में विश्वास करते थे।

जीतना हर क़ीमत पर मूल मंत्र था और इसके लिए मैदान व बाहर दोनों जगह मनोवैज्ञानिक जीत हासिल करने के भी प्रयास होने लगे। दूसरा कारण था टेस्ट मैच के साथ वन डे मैचों की शुरुआत। वन डे मैच ज़्यादा लोकप्रिय भी हुए व खिलाड़ियों में जल्दी नाम व पैसा कमाने की ललक बढ़ी, साथ ही बढ़ी आक्रामकता।

पाकिस्तान ने 1979 में भारत का दौरा किया, लेकिन 1984 में भारतीय प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के कारण पाकिस्तान का एक भारतीय दौरा बीच में ही रद्द कर दिया गया।

भारत 13 जनवरी से 19 फरवरी 2009 तक पाकिस्तान के दौरे को शुरू करने वाला था, लेकिन मुंबई में आतंकवादी हमलों के बाद दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव के कारण इसे रद्द कर दिया गया था। भारत ने तब से पाकिस्तान के साथ सीरीज खेलने से इनकार कर दिया।

भारत और पाकिस्तान ने चंडीगढ़ में पहले सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया और भारत सरकार ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को अपने प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के साथ मैच देखने के लिए आमंत्रित किया। डॉ मनमोहन सिंह  के द्विपक्षीय संबंध आखिरकार फिर से शुरू हो गए जब बीसीसीआई ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम को दिसंबर 2012 में तीन वनडे और दो टी -20 मैचों के लिए भारत का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया।

ट्वेंटी 20 इंटरनेशनल (T20I) में आठ बार दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ खेला है। दोनों देशों के बीच T20I में बनाया गया सर्वोच्च टीम स्कोर दिसंबर 2012 में अहमदाबाद में भारत का 192/5 था। दोनों पक्षों के बीच T20I में बनाया गया सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर, विराट कोहली के श्रीलंका में 2012 आईसीसी विश्व ट्वेंटी 20 प्रतियोगिता के दौरान सितंबर 2012 में बनाए गए 78 रन थे। कोहली ने छह पारियों में 254 रनों के स्कोर के साथ दोनों पक्षों के बीच मैचों में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी बनाया है। पाकिस्तान का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर दिसंबर 2012 में मोहम्मद हफीज द्वारा बनाया गया 68 रन था।

आश्चर्यजनक रूप से, भारत और पाकिस्तान ने 2015 के विश्व कप के बाद से केवल चार बार एक-दूसरे के साथ खेला है क्योंकि क्रिकेट के लिए भारत सरकार कड़ा रुख अख्तियार करता है – यकीनन यह खेल की सबसे बड़ी चुनौती है जो जल्द ही किसी भी समय खत्म होने की संभावना नहीं है।

About Pawan Goenka

Pawan Goenka is a Cricket Expert | Cricket Analyst | Co-founder of Cricketwebs Sports Business House. Pawan Goenka was born and raised in Delhi, India. Contact info - 7065437044 (WhatsApp only). E-mail - cricketwebs@gmail.com

Check Also

Virat_Kohli_Tiranga_

“Wanted to Bounce Back After a Tough Australia Tour” – Kohli Reflects on India’s Champions Trophy 2025 Victory

India’s emphatic Champions Trophy 2025 triumph against New Zealand at the Dubai International Cricket Stadium ...

Read more

ICC Champions Trophy 2025 Winner - India

CT 2025: International Cricket Fraternity Reacts as India Lift Third Champions Trophy Title by Beating New Zealand in Final

Team India emerged victorious in the ICC Champions Trophy 2025, defeating New Zealand in a ...

Read more

Leave a Reply