तेज गेंदबाज मयंक यादव को उनकी पुरानी पीठ की चोट के कारण कम से कम तीन महीने तक मैदान से बाहर रहना पड़ेगा, जैसा कि हालिया रिपोर्टों में पुष्टि की गई है। पहले इसे साधारण साइड स्ट्रेन माना गया था, लेकिन आगे की जांच के बाद यह संभावित स्ट्रेस फ्रैक्चर की तरह गंभीर निकला, जो कि उन्हें निकट भविष्य में खेल से दूर रखेगा। यह चोट उनकी भारत के लिए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ संभावित भागीदारी को प्रभावित करती है और रणजी ट्रॉफी के आगामी राउंड्स में भी उनकी हिस्सेदारी को रोक देती है।
चोट और पुनर्वास की समयसीमा
बीसीसीआई ने रणजी ट्रॉफी के चौथे या पांचवें राउंड में मयंक की वापसी की उम्मीद की थी, ताकि वह भारत और दक्षिण अफ्रीका की सीरीज के लिए तैयार हो सकें। हालांकि, इस पुनर्वास योजना को अब उनकी चोट के बने रहने के कारण रद्द कर दिया गया है। एक बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, “ऐसा लगता है कि उनकी पीठ में कुछ समस्या है… यह स्ट्रेस फ्रैक्चर का मामला भी हो सकता है।”
शानदार शुरुआत के बाद चोट का झटका
मयंक ने बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था, जहाँ उन्होंने तीन मैचों में छह विकेट हासिल किए थे। उनकी इस बेहतरीन शुरुआत ने उन्हें भारतीय तेज गेंदबाजी यूनिट में उभरते हुए सितारे के रूप में स्थापित किया। हालांकि, अब मयंक के टीम के साथ निकट भविष्य की योजनाओं पर विराम लग गया है, और बीसीसीआई फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज में उनकी वापसी की उम्मीद कर रही है।
कोच और टीम प्रबंधन के विचार
मयंक के निजी कोच, देवेंद्र शर्मा ने पुष्टि की कि यह कोई नई चोट नहीं है, लेकिन बीसीसीआई उनकी पूर्ण स्वस्थता सुनिश्चित करना चाहती है ताकि वे मजबूत वापसी कर सकें। शर्मा ने कहा, “ऐसा नहीं है कि मयंक को नई चोट लगी है, लेकिन उन्हें अभी न खेलने की सलाह दी गई है ताकि इंग्लैंड वनडे के लिए उनकी वापसी कराई जा सके।”
यह चोट मयंक के लिए एक बड़ा झटका है, जो भारत की तेज गेंदबाजी इकाई को मजबूत करने की दिशा में बढ़ रहे थे। लेकिन टीम प्रबंधन उनकी दीर्घकालिक फिटनेस को प्राथमिकता दे रहा है ताकि महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सीरीज में उनकी प्रभावी वापसी सुनिश्चित की जा सके।