क्रिकेट खेल को सद्भावना और शांति वाला गेम माना जाता है और भारत सहित पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और अन्य कुछ पश्चिमी देशों में इसे काफी पसंद किया जाता है। खिलाड़ी को हमेशा खेल के प्रति ईमानदार होना और उसके अंदर खेल भावना होना बहुत ही आवश्यक है। लेकिन क्रिकेट इतिहास में कुछ खिलाड़ियों ने मैच फिक्सिंग करके क्रिकेट को शर्मशार करने का काम किया है। आज हम आपको क्रिकेट में 5 सबसे चर्चित मैच फिक्सिंग विवाद बताने जा रहे हैं।
हालांकि आईसीसी और अलग अलग देशों के क्रिकेट बोर्ड द्वारा फिक्सिंग को रोकने में लिए नियम भी बनाए गए हैं, ताकि मैच में किसी भी प्रकार की फिक्सिंग या खेल भावना के विरोधी काम करने पर खिलाड़ी को सजा दी जा सके। मैच फिक्सिंग, स्पॉट फिक्सिंग, मैच की अंदरूनी जानकारी शेयर करने और क्रिकेट पर बेटिंग जैसे कार्यों पर आईसीसी लाइफटाइम बैन तक की सजा दे सकती है। लेकिन फिर भी क्रिकेट इतिहास मैच फिक्सिंग के कई विवाद सामने आए हैं और कई खिलाड़ियों पर कुछ सालों के लिए तो कई पर लाइफटाइम बैन भी लगाया गया है।
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क्रिकेट इतिहास के 5 सबसे चर्चित मैच फिक्सिंग विवाद :
नीचे हम आपको क्रिकेट इतिहास के 5 सबसे चर्चित मैच फिक्सिंग विवाद के बारे में बताने जा रहे हैं।
पाकिस्तान क्रिकेट स्पॉट फिक्सिंग कांड, 2010:
पाकिस्तान क्रिकेट स्पॉट फिक्सिंग कांड अगस्त 2010 में लॉर्ड्स मैदान पर इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान हुआ था। इस मैच में पकिस्तान के कुछ खिलाड़ियों ने मैच में पहले से निर्धारित समय पर नो बॉल फेंकने के लिए मजहर माजिद नाम के एक बुकी से पैसे लिए थे। इसमें मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और तत्कालीन कप्तान कप्तान सलमान बट्ट का नाम सामने आया था। मोहम्मद आमिर पर 5 साल के लिए मोहम्मद आसिफ पर 7 साल के लिए और सलमान बट्ट पर 10 साल के लिए प्रतिबंध लगा था।
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अजहरुद्दीन मैच फिक्सिंग विवाद:
भारतीय क्रिकेट इतिहास में अजहरुद्दीन का मैच फिक्सिंग विवाद ने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया था। जांच में पता चला था कि अजहरुद्दीन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 1996 में, फिर 1997 में श्रीलंका में पेप्सी कप के मैच और 1999 में पाकिस्तान में मैच फिक्स किया था। इसके बाद बीसीसीआई ने 2000 में उन पर लाइफटाइम बैन लगा दिया। हालांकि उन्होंने अपनी तरफ से सफाई देते हुए मैच फिक्सिंग से इनकार किया था और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने 2012 में उन पर से बैन भी हटा दिया था।
हांसी क्रोंये मैच फिक्सिंग विवाद:
दिल्ली पुलिस ने साल 2000 में एक कॉल इंटरसेप्ट किया था, जिसमें हांसी क्रोंये एक भारतीय बुकी संजीव चावला से इसी मैच के बारे में बात कर रहे थे। यहीं से पहली बार भारत में और क्रिकेट जगत में मैच फिक्सिंग का खुलासा हुआ था। इस खबर के आने के कुछ दिनों बाद जब दक्षिण अफ्रीकी जांच एजेंसियों ने हांसी क्रोंये दो-तीन दिनों तक लगातार पूछताछ की तो इसके बाद उन्होंने फिक्सिंग बात कबूल कर ली और उन्होंने कुछ बुकी सहित कुछ भारतीय खिलाड़ियों का भी नाम लिया। 2002 में एक प्लेन दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी।
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आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग:
2013 में पहली बार आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया था जिसमें एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण का नाम सामने आया था। इसके साथ ही साथ चेन्नई सुपर किंग टीम के मालिक गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स टीम के मालिक राज कुंद्रा पर बेटिंग करने का आरोप सिद्ध हुआ। इसके बाद दोनों ही टीम वह 2 सालों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया, जबकि दोनों मालिकों पर एवं तीनों ही खिलाड़ियों पर बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि श्रीसंत को 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने क्लीन चिट दे दिया था इसके बाद में केरल की ओर से घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं।
सलीम मलिक द्वारा मैच फिक्सिंग:
1994-95 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वार्न और मार्क वा पर बुकी से संपर्क करके उन्हें मैच की अंदरूनी जानकारी देने का आरोप लगा था। इन आरोपों के बाद शेन वार्न ने पाकिस्तान के तत्कालीन कप्तान सलीम मलिक का नाम लेते हुए उन पर मैच हारने के लिए रिश्वत देने का आरोप लगाया था। जिसके बाद जांच में यह सही साबित हुआ और सलीम मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लग गया।
बाद में शेन वॉर्न ने अपनी डॉक्यूमेंट्री में बताया था कि 1994 की पाकिस्तान बनाम ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के आखिरी मैच से पहले मलिक ने उन्हें 1 लाख 45 हजार पाउंड (करीब 1.5 करोड़ रूपए) का ऑफ़र दिया था। हालांकि उन्होंने यह भी बताया था कि हार मिलने पर सलीम को पाकिस्तान में अपने घर जलाने और हत्या का डर था। यह पाकिस्तान क्रिकेट में पहला फिक्सिंग विवाद था।