Advantages and disadvantages of legalizing cricket betting in India

भारत में क्रिकेट बेटिंग लीगल करने के फायदे एवं नुकसान

भारत में क्रिकेट बेटिंग को अभी तक लीगल नहीं किया गया है, जबकि कई सारे पश्चिमी देशों में यह लीगल है। बेटिंग बिजनेस उन देशों की अर्थव्यवस्था में एक बड़ी भूमिका निभाता है। हालांकि फिर भी कानून की नजरों से बच-बचाकर देश में कई सारे लोग क्रिकेट बेटिंग करते हैं, क्योंकि इससे सम्बंधित कड़े कानून नहीं बनाए गए हैं। यदि भारत में क्रिकेट बेटिंग लीगल होता है तो उसके कई फायदे एवं नुकसान हो सकते हैं। इसके बारे में ही हम इस आर्टिकल में बात करेंगे।

भारत में क्रिकेट बेटिंग के लिए कानून:

भारत में क्रिकेट बेटिंग को लेकर कोई खास कानून नहीं बना हुआ है। 1867 में अंग्रेजी हुकूमत द्वारा पब्लिक गैंबलिंग एक्ट बनाया गया था, जो आज तक भारत सहित पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रभावी है। भारत में टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 भी इसके सम्बंध में प्रभावी है।

हालांकि भारत में बुकमेकर को अवैध माना गया हैं, लेकिन अभी तक देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जो किसी व्यक्ति को विदेशी बुकमेकर के साथ ऑनलाइन बेट लगाने से रोकता है। 4 मार्च 2009 को, सिक्किम सरकार ने सिक्किम ऑनलाइन गेमिंग नियम, 2009 लागू किया था, जिसमें ऑनलाइन गैंबलिंग लाइसेंसिंग के नियमों और विनियमों के बारे उल्लेख है।

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भारत में क्रिकेट बेटिंग लीगल करने के फायदे:

भारत में क्रिकेट बेटिंग लीगल होगा तो इसको लेकर कई सारे कानून भी बनाए जाएंगे, ताकि सरकार को और पंटर दोनों को सुविधा और फायदा मिल सके। नीचे हम आपको क्रिकेट बेटिंग के फायदे बताने जा रहे हैं।

1. अवैध बुकमेकर बंद होंगे:

भारत में क्रिकेट बेटिंग लीगल ना होने की वजह से कई पंटर ब्लैक मार्केट में किसी अवैध बुकमेकर के साथ बेटिंग करना पसन्द करते हैं। यदि क्रिकेट बेटिंग लीगल हुआ तो ब्लैक मार्केट में काम करने वाले बुकी लीगल तरीके से काम करेंगे और वे सभी कानूनी रूप से चिह्नित होंगे। इसके बावजूद भी यदि कोई बुकी बिना लाइसेंस के काम करता है, तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जा सकती है।

2. काला बाजारी बंद होगी:

ब्लैक मार्केट में जितने भी बुकी और पंटर काम करते हैं वह सभी सरकार से और कानून से बच-बचाकर काम करते हैं, जिसके चलते उनके पैसे का कोई हिसाब नहीं होता है और कालाबाजारी चरम पर रहती है। यदि क्रिकेट बेटिंग लीगल हुआ और इससे संबंधित बेहतर कानून बनाए गए तो इस पर रोक लगाई जा सकती है।

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3. पंटर के साथ फ्रॉड बंद होंगे।

बेटिंग की दुनिया में फ्रॉड होनी सबसे आम बात है। कई सारे बुकी पंटर को सही समय पर पैसे नहीं देते हैं या उनके साथ घपलेबाजी कर देते हैं, ऐसी स्थिति में पंटर कानून का भी सहारा भी नहीं ले सकता है क्योंकि वह खुद गैरकानूनी काम कर रहा है। यदि क्रिकेट बेटिंग लीगल हुआ तो इस पर रोक लगाई जा सकती है और पंटर को कानून का सहारा भी मिल सकता है।

4. अर्थव्यवस्था में मजबूती मिलेगी:

क्रिकेट बेटिंग लीगल करने से यहां पर बुकमेकर और पंटर दोनों लीगल तरीके से काम करेंगे और अपनी कमाई पर सरकार को टैक्स भी देंगे। उदाहरण के रूप में बांग्लादेश में ऑनलाइन क्रिकेट बेटिंग लीगल है और सभी ऑनलाइन बुकमेकर सरकार को अपने मुनाफे का 21% टैक्स देते हैं। यह माना जाता है कि भारत में बेटिंग मार्केट की वैल्यू $100000 करोड़ की है। इस पर टैक्स लगाने से सरकार को बड़ा फायदा हो सकता है और भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो सकती है।

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भारत में क्रिकेट बेटिंग लीगल करने के नुकसान:

भारत में क्रिकेट बेटिंग को लीगल करने के कई नुकसान हो सकते हैं, जिसके बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं।

1. अपराध बढ़ने लगेंगे:

भारत में कई सारे गरीब वर्ग के लोग भी छोटी-छोटी बेटिंग करना पसन्द करते हैं, लेकिन वे कानून से या घर परिवार से बचकर यह काम करते हैं। यदि बेटिंग को लीगल किया गया तो वे खुलकर इस काम को करेंगे और पैसे इकट्ठा करने के लिए अपराध की दुनिया में भी उतर सकते हैं। 

2. गैरकानूनी अभ्यास बढ़ने लगेंगे:

कोई भी बुकमेकर यह नहीं चाहता है कि उसका पंटर जीते और वो हारे, इसीलिए क्रिकेट बेटिंग लीगल होने के बाद वे पूरी तरह से खुलकर काम करेंगे और अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए गलत ऑड्स भी पेश करेंगे, ताकि ऊंचे ऑड्स देखकर पंटर उस ओर आकर्षित हो और उस पर बेट लगाकर हार जाए।

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3. एक तरफा टीम सपोर्ट में कमी आएगी:

बेटिंग में कोई भी खिलाड़ी अपनी पसंदीदा टीम को नहीं चुन सकता है और न ही भावनाओं में आकर बेट लगा सकता है। कभी-कभी पंटर अपने पसंदीदा टीम के खिलाफ भी बेट लगाता और उसे हराने की दुआ मांगता है।

4. बेटिंग की लत बढ़ जाएगी:

बेटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें लत लगना सामान्य बात है। फिलहाल कानून के डर से या फ्रॉड होने के डर से लोग सही तरह से बेटिंग नहीं कर पाते हैं लेकिन यदि इसे लीगल कर दिया गया तो लोगों के अंदर बेटिंग की लत बढ़ जाएगी और इससे पंटर के आर्थिक और सामाजिक जीवन में नुकसान होगा।

About Anish Kumar

Anish Kumar is a content producer for Cricketwebs News Website.

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